श्रीलक्ष्मीनृसिंहस्तोत्रम्
— श्रीलक्ष्मी —
नृसिंह नाम चिन्तनम्
सर्वपाप नाशनम्
नृसिंह पाद वन्दनम्
भयमुक्ति प्रदायकम्
नृसिंह नाम कीर्तनम्
वैष्णवोत्तमो भवेत् सत्वरम्
नृसिंह पाद सेवनम्
हरिभक्ति प्रदायकम्
नृसिंह नाम वदेत् नित्यम्
नृसिंहो रक्षति सर्वदा ||
— श्रीलक्ष्मी